Monday, May 31, 2010

नारी शशक्तिकरण

नारी शशक्तिकरण

यात्रा नारिथास्तु पुज्यन्तु
तत्र राम्यनते देवता:

आपको यह जानकर कोई आश्चर्य नहीं करना चाहिए की इतिहास इस बात का गवाह रहा है की हमारे यहाँ नारियों को हमेशा से उच्च स्थान प्राप्त है. जब भी मानवता पर संकट आया, उस समय इन्ही देवियों ने मानवता की रक्षा के लिए कभी काली, कभी दुर्गा एवं वैष्णवी, रानी दुर्गावती, रानी कर्णावती, रानी लक्ष्मी बाई ने वह जोहर दिखाया, जो कहने के लिए पुरुष प्रधान समाज में असंभव जैसे था. नारियों ने जब भी अपना प्रचण्ड रूप धारण किया तो आकाश, पाताल एवं पृथ्वी कम्प्यामान हो गयी. जिस नारी को महाकवि मैथली शरण गुप्त ने कभी अबला कहा.
मैथली शरण के शब्दों में:-
अबला जीवन हाय तुम्हारी, यही कहानी
आँचल में है दूध और आँखों में है पानी..
युगों-युगों से नारियां अपना सहयोग राजनीती, अर्थशास्त्र, युद्ध, सामाजिक न्याय एवं विकास देती आ रही हैं. स्वतंत्र भारत में नारियों का अस्तित्व एक नए रूप में विकसित हुआ है. आज कोई भी ऐसा छेत्र नहीं है जहाँ पर औरतें अपने कार्य से उनती के पथ पर अग्रसर न हों.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रथम महिला विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य सहयोग दिया. कवयत्री एवं विद्वान सरोजनी नायडू प्रथम महिला राज्यपाल बनकर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को गौर्वंगित किया. श्रीमती इंदिरा गाँधी विश्व की द्वित्य एवं भारत की प्रथम महिला प्रधान मंत्री बनी. जिनकी अगुवाई में भारत ने पाकिस्तान को विभाजित कराकर बंगलादेश का सृजन कराया और उनकी समस्याओं को दूर किया. आपको यह जानकार घोर आश्चर्य होगा की विश्व के महासभा अमरीका के दबाव में न आकर बंगलादेश का अभ्युदय कराया.
माना की नारियां कोमल स्वाभाव वाली होती हैं. आज ऐसा कोई व्यवसाय नहीं है जहाँ नारियां अपना जौहर एवं कार्य कुशलता न सिद्ध किया हो. समाज सुधर, कृषि, कारखाना, वैज्ञानिक, रक्षा अनुसन्धान, वायु चलन, अग्नि समन (अभी हाल ही में महारष्ट्र राज्य ने क़ानूनी व्यवधान दूर करके रास्ता प्रशस्त किया), व्यापर, रेलवे, विधेश सेवा, खेल-कूद एवं शिक्षा के छेत्र में अग्रणी हैं.
हम इस बात को भूल जाते हैं की युगों से नारी शिक्षा दी जाती थी. विधोत्मा ने कशी के प्रचंड पंडित को शाश्रार्त्र में हराया था. सवाल उठता है की आखिर नारी शिक्षा पर पाबन्दी कब से लगी. देश में जब विदेशी मुगलों का आक्रमण हुआ तो उनके अत्याचारों से भैभित होकर लोगों ने बचियों को पढाना धीरे-धीरे बंद कर दिया. बालविवाह जैसी कुरीतियाँ भी उसी समय विकसित हुई जिसका महाकवि बिहारी ने इन शब्दों में व्यंग कविता द्वारा प्रकट किया.
राजा जय सिंह को संबोधित किया :-
नहीं पराग, नहीं मधुर मधु, नहीं विकाश येही काल
अली कलि ही सी विध्यो, आगे कौन हवाल.

जहाँगीर के समय नूरजहाँ पूरी तरह से राज-काज में शामिल थी:-
जहाँगीर की, नूरजहाँ ने, रखली शान.

आज भी चोकिला एइयर विधेश सेवा में थी. निरूपा राव जो विदेश विभाग की प्रवक्ता हैं. श्रीमती सोनिया गाँधी देश की सबसे बड़ी और पुराणी पार्टी की अध्यक्षा एवं लोक सभा में नेता विरोधी दल है. शुष्मा स्वराज के व्यतव्य से पूरा पाकिस्तान प्रब्भावित हुआ. जिनके एक -एक शब्द अपने-आप में जादू हैं, जो सूचना एवं प्रसारण मंत्री हैं.
इस सबके बावजूद भी आज भी जितना अधिकार नारियों को मिलना चाहिए, नहीं मिलता. आज भी महिला आरक्षण विधयक मझधार में लटका है. जिसका कुछ विपक्षी पार्टियों के अह्सह्योग के कारन विधायक पारित नहीं हो पा रहा है.
आज देश के तिन राज्यों तमिल नाडू में सुश्री जय ललिता, उत्तर प्रदेश में सुश्री मायावती एवं बिहार में श्रीमती रावड़ी देवी तक़रीबन देश की एक चौथाई आबादी पर कमांडो एवं कण्ट्रोल एवं उनके विकाश में अपना दिन रात एक कर रही हैं.
उदहारण के तौर पर आप हैदराबाद एवं सिकंदराबाद को ही ले लें. आज आईटी के ज़माने में ५०% महिलाएं अग्रिणी हैं. आपने लाल किले से प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस पर भाषण सुना होगा, जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्णपदक की प्राप्ति और भारत का नाम ऊँचा करने के लिए खिलाडियों को बधाई दी. उन्होंने विशेष तौर पर महिलायों की भूमिका की भूरी भूरी प्रशंशा की. हाकी के मैच ने तो दुनिया को चकित कर दिया जिसमें भारत प्रथम रहा. जार्ज के अयेठेलितिकैस में कांस्य प्राप्त से भारत विह्वल होकर भारत में आने से पहले है. विशेष पुरिस्कर की जय ललिता ने घोषणा कर दी. जब अंजलि वेद पाठक (तिरंगा के साथ भारत के प्रतिनिदी मंडल का सफल नेतृत्व किया और अकेले चार स्वर्ण पदक लेकर आई. इसमें हमारी ग्रामीण महिलाओं तक में उत्साह भर गया. झारखण्ड की तिन आदिवासी बालाओं ने हाकी में जो जौहर दिखाया, उससे न केवल ग्रामीण अंचल का ही बल्कि पिछड़े और ग्रामीण तबके का भी प्रतिनिधित्व किया.

this article was written long before. i think few years before. there may be few gramatical mistakes.

written by
shri Sarvadeo Singh
VILLAGE - dilsadpur
district - gazipur

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