Monday, May 31, 2010

मेरे पापा

मेरे पापा

आपने जितना हमे दिया है
वो कोई और न दे पायेगा
खुशिया इतनी दी की
ग़म का एहसास न हो
दिल सोचता है
किस तरह ये क़र्ज़ चुकोउन
जिन्दग्गी कम पड जाएगी
पर आपका दिया प्यार
कभी कम न हो
मुबारक हो आपको
जो मुकाम आपने आज पाया है
गर्व तो पहले भी था
आज ये सर और उठाया है
आशा है की ये पल सौ गुना होके
आपकी ज़िन्दग्गी को छुए
हमेशा आप बुलन्दियों को युही छुते रहे
खुशियों के पल युहीं हमारे साथ बाटते रहें

एकता विश्वकर्मा
कंप्यूटर सिसंस एंड इंजीनियरिंग
सेकंड इयर
तक्षिला इंजीनियरिंग कॉलेज

1 comment:

  1. BAHUT KHOOB EKTA. your father will feel proud after reading this. keep doing this. hope to seee u as one of India's best poets.

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